Sim card Kya hai
हमको आजकल हर किसी के पास मोबाइल देखने को मिल जाएगा यहां तक कि बच्चों में भी इनका क्रेज बहुत है वर्ल्ड में लगभग सभी लोग मोबाइल का यूज करते हैं।
अगर मोबाइल होगा तो जाहिर सी बात है सिम भी होगा तो दोस्तों आज हम जानेंगे सिम कार्ड के बारे में यह क्या है कैसे काम करता है और कितने प्रकार का होता है।
सिम कार्ड |
सिम कार्ड क्या है. .
सिम कार्ड को सबसे पहले "Giesecke and devirent" ने 1991 में बनाया था।
sim कार्ड का पूरा नाम सब्सक्राइबर आइडेंटी मॉड्यूल है।जब आप किसी सिम को किसी मोबाइल में कनेक्ट करते हैं तो वह सिम कार्ड अपने आसपास के gsm नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है। जिससे हम आप अपनी GF को कॉल मैसेज और वीडियो कॉल से उसका चांद सा टुकड़ा देख सकते हैं। दोस्तों कैसा लगा आज का ज्ञान 1 और बस एक और किसी को कॉल करते हैं तो वह अपने आसपास के जीएसएम नेटवर्क से उस फोन नंबर को सेटेलाइट के साथ खोज कर लेता है और उससे हमें कनेक्ट करा देता है जिससे हम प्यारी प्यारी बातें करते हैं।
सिम के प्रकार. ..
सिम का निम्नलिखित भागों में बांटा गया है।
नेटवर्किंग के आधार पर चार प्रकार के होते हैं सिम कार्ड
- 1G network :-
नेटवर्क हमारे नेटवर्क का मां-बाप है मेरा मतलब है कि सबसे पहले इस नेटवर्क को लॉन्च किया गया था उसमें ना तो इंटरनेट चलता था और ना ही कुछ इसमें से को कॉल किया जा सकता था इसको सन 1980 को भारत में लॉन्च किया गया था.
- 2G network :-
इस नेटवर्क की मदद से आप अपनी गर्लफ्रेंड की मधुर आवाज को बड़ी आसानी से सुन सकते हैं इसको 1995 के अगस्त महीने में लॉन्च किया गया था इस नेटवर्क का उपयोग ज्यादातर मोबाइल फोन मै किया जाता था यह हमारे 1G नेटवर्क से ज्यादा सुरक्षित है भरोसेमंद haib इसके बाद इसका successor 2.5 जी के रूप में लॉन्च किया गया is नेटवर्क से इंटरनेट चलाने का फायदा मिला इसकी स्पीड लगभग 144 Kbit/s तक होती है .
2G network के कुछ गुण ..
- इस नेटवर्क की आ जाने से इसकी सुरक्षा प्रदान करने की शक्ति काफी बढ़ जाती है यह नेटवर्क इन MMS यानी मल्टीमीडिया सर्विस को सपोर्ट नहीं करती है तुम क्या सोच रही थे वह wala MMS hn hn hn गंदी सोच वाले आदमी.
- 2G नेटवर्क की डाटा स्पीड 9.6 kbps होती है
- 2G network 900/1800 frequency band मैं काम करता है.
- मैं आपको बताना चाहूंगा कि डाटा सर्विस में GPRS को बाद में प्रकाशित किया गया था इससे पहले sms शॉर्ट मैसेज सर्विस को प्रकाशित किया गया था.
- 3G Network :- इस नेटवर्क को तीसरा पीढ़ी yani थर्ड जेनरेशन कहते हैं जिसे हम आसानी से high speed internet चला सकते हैं इसको जापान में सबसे पहले 1998 में लांच किया गया था 3G नेटवर्क से हम आसानी से हाई स्पीड इंटरनेट का मजा ले सकते हैं हाई स्पीड इंटरनेट होने के कारण से हम यूट्यूब जैसे बड़ी बड़ी कंपनी me वीडियो ऑनलाइन देख सकते हैं. इस नेटवर्क को को hum ब्रॉडबैंड भी bol सकते हैं yeh नेटवर्क broadband की तरह इंटरनेट स्पीड प्रदान करती है 3G नेटवर्क आज भी किसी किसी के पास देखने को मिलती है.
3G network के कुछ गुण....
- 3 जी तकनीक की मुख्य विशेषता यह है कि यह कम लागत पर अधिक आवाज और डेटा क्षमता और उच्च डेटा संचरण का समर्थन करता है।
- 3 जी मोबाइल 2 जी और 3 जी प्रौद्योगिकियों पर काम कर सकते हैं।
- दूसरी प्रमुख विशेषता सुरक्षा है: 3 जी नेटवर्क एक्सेस सुरक्षा, नेटवर्क डोमेन सुरक्षा, उपयोगकर्ता डोमेन सुरक्षा, अनुप्रयोग सुरक्षा जैसे 2 जी की तुलना में अधिक सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करता है।
- यह तकनीक यातायात और मौसम अपडेट तक पहुंचने के लिए स्थानीयकृत सेवाएं प्रदान करती है।
- 3 जी मोबाइल प्रौद्योगिकी में वीडियो कॉल और वीडियो कॉन्फ्रेंस एक और प्रमुख विशेषता है। ये सुविधाएं लोगों के बीच संचार बाधाओं को कम करती हैं, जिन्हें मोबाइल फोन के साथ भी बर्खास्त नहीं किया गया था।
- 4G network :-
मुझे लगता है कि आप इस सिम से परिचित होंगे क्योंकि आप जो लोग पढ़ Rahe Honge jio सिम कार्ड यूज कर रहे होंगे क्योंकि जब से 4जी आया है 4जी का मतलब है जियो तो जियो एक ऐसा सिम कार्ड jo 4G स्पीड प्रदान करता है .
- LTE
:- अगर आप जियो सिम कार्ड उपयोग करते होंगे तो आप इससे परिचित होंगे क्योंकि LTE ही आपको हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करता है इसका पूरा नाम long term evolution होता है. भारत का पहला 4g LTE सर्विस airtel के द्वारा 10 अप्रैल 2012 को कोलकाता में लांच किया गया था|
Payment के आधार पर..
- Prepaid :-
फिर सिम कार्ड का उपयोग करने के लिए में सर्वप्रथम रिचार्ज कराना रिचार्ज कराने होता है फिर उससे बात कर सकते हैं. जिसमें जितना बैलेंस होता है उतना ही बात कर सकते हैं इससे ज्यादा नहीं.
- Postpaid :-
इस प्रकार के सिम में किसी भी प्रकार का bond नहीं होता है इसमें जितना चाहे जब चाहे बात कर सकते हैं लेकिन bhailog महीने के अंत में जो बिल आएगा ना उसे भरने के लिए पसीने छूट जाते हैं मां कसम..साइज के आधार पर सिम कार्ड.. .
- Mini
- Micro
- Nano
टेक्नोलॉजी के आधार पर सिम कार्ड दो प्रकार के होते हैं..
- GSM :- इस सिम कार्ड का पूरा नाम Global system for mobile होता है. जिसे "BELL LABORATORIES" NE 1970 में बनाया था इसकी DTR (data transfer rate) 800MHz से 1.2 GHz होता है.
- CDMA :- CSS technology मै काम करता है. इसका पूरा नाम code division multiple access होता है. इसका उपयोग आजकल बहुत काम किया जाता है.. यह भी प्रीपेड and पोस्टपेड हो सकते हैं
विशेष प्रकार का सिम कार्ड...
E-sim कार्ड एक ऐसी तकनीक है जिसमें मोबाइल में बिना सिम कार्ड लगाए सिम का उपयोग कर सकते हैं जैसे अभी अभी आईफोन के मॉडल में किया जा रहा है e-sim का उपयोग.
😍THANKS You bhailog😍
सबसे पहले धन्यवाद आपको इस पोस्ट को पढ़ने के लिए bhailog शेयर कर देना यार तुम्हारे छोटे भाई का blog है।
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