Skip to main content

Generation Of Computer 1st To 5th Generation

Generation Of Computer 1st To 5th Generation


आज के जमाने में लगभग हर किसी के पास कंप्यूटर या फिर लैपटॉप होता है लेकिन लैपटॉप या कंप्यूटर का पूरा जानकारी सभी को नहीं होता है परन्तु अब से  हम इस ब्लॉग में कंप्यूटर से जुड़े पोस्ट डालेंगे जिससे कंप्यूटर का या लैपटॉप का पूरा जानकारी मिल सके। दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जानेगे कि कंप्यूटर को कितनी पीढ़ियों में बांटा गया है। एक रिसर्च से पता चला है कि 70 से 80% लोगों को कंप्यूटर की पीढ़ी के बारे में कुछ नॉलेज  नहीं है।  तो आज के पोस्ट में हम जानेंगे कि कंप्यूटर की कितनी जेनरेशन हैं और इसे कब कब बांटा गया था। दोस्तों कंप्यूटरों को मुख्यतः पांच पीढ़ियों में बांटा गया है। इन सभी पीढ़ियों के बारे में हम विस्तार से समझने का कोशिश करते हैं।


जेनरेशन ऑफ कम्प्यूटर्स 

  1. First Generation = 1946 - 1956
  2. 2nd Generation =1956 -1964
  3. 3rd Generation =1964 -1971
  4. 4th Generation = 1971- present time
  5. 5th Generation = present time - Future

First generation of  computer (कम्प्यूटर की पहली पीढ़ी)

 सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक कंप्यूटर के निर्माण से कंप्यूटर के फर्स्ट जनरेशन का प्रारंभ कर दिया था। ईस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था यह वेक्यूम ट्यूब का आविष्कार सन उन्नीस सौ चार में किया गया था। ईस पीढ़ी ENIAC के अलावा और भी कई अन्य कंप्यूटरों का निर्माण किया गया था  जिनके नाम 
  • EDSAC (ELECTRONIC DELAY STORAGE AUTOMATIC CALCULATOR)  
  • EDVAC (ELECTRONIC DISCRETE VARIABLE AUTOMATIC COMPUTER)
  • UNIVAC (UNIVERSAL AUTOMATIC COMPUTER) and UNIVAC-1

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण थे 

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का उपयोग करने के लिए वेक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था।
  • किसी डाटा या फाइल को स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग किया जाता था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही नाजुक और कम रिलाएबल थे।
  • बहुत सारे एयर कंडीशनर्स का उपयोग किया जाता था ताकि कंप्यूटर कूल या ठंडा रह सके।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम बनाने के लिए मशीनी तथा असेंबली भाषाओं का उपयोग किया जाता था। 
  • ईस पीढ़ी के कुछ वैज्ञानिकों के नाम जॉन वॉन न्यूमॉन्न  तथा डब्लू मुचली तथा जे प्रेस्पर एकर्ट हैं। चलिए दोस्तों अब जानते हैं कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी के बारे में ।
 इसे भी जरूर पढ़ें :- computer programming language ke prakar 

2nd Generation Of Computer (कंप्यूटर का दूसरा पीढ़ी)

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब के जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा। 
इस ट्रांजिस्टर का आविष्कार सन 1947 में विलियम शॉकले के द्वारा किया गया था। 
ट्रांजिस्टर का उपयोग हमें वैक्यूम ट्यूब की Relatively अधिक गति एवं विश्वसनीयता प्रदान की। 
ट्रांजिस्टर का उपयोग करने से हमारे कंप्यूटर और भी ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा विश्वसनीय हो गए और यह ज्यादा से ज्यादा डाटा स्टोर कर सकते थे और यह कंप्यूटर बहुत ही गति से कार्य करने लगे थे वेक्यूम ट्यूब की कंपेयर में।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की निम्नलिखित लक्षण पाए जाते थे

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा था वैक्यूम ट्यूब के बदले।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर छोटे और एनर्जी भी कम खपत करते थे। इस कारण से  इन कंप्यूटरों का विकास जल्दी से किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस कंप्यूटर का उपयोग कर सकें।
  • यह प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में ज्यादा तेज एवं विश्वसनीय हो गये।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम खर्चीले हो गए।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों के लिए हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषाओं का development किया गया जैसे COBOL एवं FORTRAN।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर आते ही स्टोरेज डिवाइस प्रिंटर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग और भी बढ़ गया।

Third Generation Of Computer ( कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी)

इस पीढ़ी के कंप्यूटर का विकास 1964 से हो गया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में आईसी का उपयोग किया जाने लगा। आईसी का पूरा नाम इंटीग्रेटेड सर्किट है। आईसी का आविष्कार टैक्सास इंस्ट्रूमेंट्स कंपनी के एक इंजीनियर जैक किल्बी ने किया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ICL 2903, ICL 1900, UNIVAC 1108, and SYSTEM 1360 प्रमुख थे।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थे

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब और ट्रांजिस्टर का प्रयोग छोड़ कर आई सी का उपयोग किया जाने लगा था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा विश्वसनीय थे एस कंपेयर ठु फर्स्ट एंड सेकंड जेनरेशन कंप्यूटर।
  • इनका रखरखाव बहुत ही आसान था और इस पीढ़ी के कंप्यूटर पोर्टेबल डिवाइस थे।
  • हाई लेवल लैंग्वेज का बहुत ही ज्यादा उपयोग किया जाने लगा।
  • प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ियों की अपेक्षा कम आकार एवं वजन बहुत कम होता था। इस कारण से इनको मेंटेन करना भी बहुत आसान था।

4th Generation Of Computer (कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी)

सन 1971 से लेकर आज तक के कंप्यूटर को चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर की श्रेणी में रखा गया है इस पीढ़ी के कंप्यूटर  में इंटीग्रेटेड सर्किट को अधिक Developed किया गया जिसे लार्ज इंटीग्रेटेड सर्किट कहा गया।अब लगभग तीन लाख ट्रांजिस्टर के बराबर  का Circuit 1 इंच की Quarter part में  आ सकता है।
 इस आविष्कार से पूरी सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट यानी कि सीपीयू एक छोटी सी चिप में आ गई जिसे माइक्रो प्रोसेसर का जाता है। 
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के उपयोग वाले कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाने लगा। ALTAIR 8800 सबसे पहला माइक्रोकंप्यूटर था जिसे मिट्स नामक कंपनी ने बनाया था। 

इस पीढ़ी के कंप्यूटर की निम्नलिखित मुख्य लक्षण हैं 

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन Technique का उपयोग किया जाने लगा।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकर में बहुत ही कम हो गये बहुत ही कम ।
  • इसे एक आम आदमी भी खरीदकर उपयोग कर सकता है। क्योंकि इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही सस्ते होते हैं।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक प्रभावशाली विश्वसनीय एवं बहुत ही स्पीड होते हैं।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर डाटा स्टोर करके रख सकते हैं।

5th generation of computer (कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी)

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वर्तमान के Powerful  एवं हाई टेक वाले कंप्यूटर से लेकर फ्यूचर  में आने वाले कंप्यूटर तक शामिल किया गया है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि एआई को इंस्टॉल करने का प्रयास कर रहे हैं। 
आज के कंप्यूटर इतने डेवलप्ड है कि वे हर स्पेसिफिक फील्ड  जैसे एकाउंटिंग, इंजीनियरिंग  building निर्माण स्पेस तथा दूसरे प्रकार की रिसर्च में उपयोग किए जा रहे हैं।इस पीढ़ी के प्रारंभ में कंप्यूटर को आपस में इंटरकनेक्टेड किया गया ताकि डाटा तथा सूचना को एक दूसरे के साथ आदान-प्रदान किया जा सके। 
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में इंटीग्रेटेड सर्किट, अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट, ने पुराने इंटीग्रेटेड सर्किट, वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट को रिप्लेस करना शुरू कर दिया है और फ्यूचर तक पूरी तरह से इन्हें रिप्लेस कर देगा। 
इस पीढ़ी के कंप्यूटर को every  day साइज में घटाने का Effort किया जा रहा है जिसके कारण से हम घड़ी के आकार में भी कंप्यूटर को देख सकते हैं।


तो आशा  करता हूं दोस्तों आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे ताकि आपके दोस्त भी कंप्यूटर की जनरेशन के बारे में जान सकें। और हमारे इस ब्लॉग को सब्सक्राइब कर ले ताकि जब भी मैं कोई नया पोस्ट अपलोड करूं आपको एक नोटिफिकेशन मिल जाए धन्यवाद।

Comments

Popular posts from this blog

Sim Card Kya Hai Sim Ke Kitne Types Hote Hain

          Sim card Kya hai हमको आजकल हर किसी के पास मोबाइल देखने को मिल जाएगा यहां तक कि बच्चों में भी इनका क्रेज बहुत है वर्ल्ड में लगभग सभी लोग मोबाइल का यूज करते हैं। अगर मोबाइल होगा तो जाहिर सी बात है सिम भी होगा तो दोस्तों आज हम जानेंगे सिम कार्ड के बारे में यह क्या है कैसे काम करता है और कितने प्रकार का होता है। सिम कार्ड                     सिम कार्ड क्या है. .   सिम कार्ड को सबसे पहले  "Giesecke and devirent"  ने 1991 में बनाया था।   sim कार्ड का पूरा नाम सब्सक्राइबर आइडेंटी मॉड्यूल है। जब आप किसी सिम को किसी मोबाइल में कनेक्ट करते हैं तो वह सिम कार्ड अपने आसपास के gsm नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है। जिससे हम आप अपनी GF को कॉल मैसेज और वीडियो कॉल से उसका चांद सा टुकड़ा देख सकते हैं। दोस्तों कैसा लगा आज का ज्ञान 1 और बस एक और किसी को कॉल करते हैं  तो वह अपने आसपास के जीएसएम नेटवर्क से उस फोन नंबर को सेटेलाइट के साथ खोज कर लेता है और उससे हम...

Mouse kya hota hai aur uske kaam

तो दोस्तों मुझे लगता है कि आज के जमाने में 70 से 80% लोग कंप्यूटर से का इस्तेमाल करते होंगे   जिसे  यूज करने के लिए बहुत सारे जौनसारी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का यूज किया जाता है जैसे किबोर्ड मॉनिटर प्रिंटर इत्यादि तो आज हम जानेंगे माउस क्या होता  है और  इसे किसने बनाया कब बनाया और कैसा काम करता है               माउस क्या होता है.. माउस एक ऐसा इनपुट डिवाइस है जिससे हम कंप्यूटर में किसी फाइल को ओपन कर सकते हैं कंप्यूटर में कहीं भी पहुंच सकते हैं और माउस से और बहुत सारे काम करते hain माउस बहुत सारे   टाइप से hain लेकिन में एक बात कॉमन होती है इनमें दो माउस बटन होते हैं aur isme beal button Hota Hai होता है माउस को किसने बनाया.... सन 1960 में " douglas engelbart " Ne Mouse Ko Banaya Jo Pehle xerox parc Namak jagah me kaam karte the और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जो पहले  mouse tha वह लकड़ी का बना हुआ था माउस के कार्य.... Mouse cursor ko move karna :- yeh mouse ka mukhya Karya Hota Hai Kisi file or doc...

How to Talk to Blocked People in Whatsapp ? || व्हाट्सएप में ब्लॉक किए हुए लोगों से कैसे बात करें ? | TechY G |

व्हा ट्सएप में ब्लॉक किए हुए दोस्त से बात करने का ट्रिक और व्हाट्सएप के फैक्ट्स दोस्तों आज हम बात करेंगे व्हाट्सएप के बारे में यह क्या है इसके फैक्ट्स क्या है और अगर आपको कोई ब्लॉक कर देता है तो उसे आप कैसे बात कर सकते हो। कई बार ऐसा होता है कि व्हाट्सएप पर आपको आपके फ्रेंड किसी बात पर नाराज होकर ब्लॉक कर देते हैं आप चाहते हैं उनसे बात करना लेकिन कर नहीं पाते ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे trick के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप अपने दोस्तों से बात कर सकते हैं। जैसा कि आप सब लोग को पता होगा कि व्हाट्सएप दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मैसेजिंग ऐप है। और हमारे भारत में पूरे दुनिया से सबसे ज्यादा व्हाट्सएप का उपयोग किया जाता है मैसेज भेजने के लिए। तो चलिए दोस्तों समझते हैं आप कैसे फ्रेंड से बात कर सकते हो। व्हाट्सएप  व्हाट्सएप फैक्ट्स इन हिंदी जैसे कि आप सब लोग को पता होगा कि व्हाट्सएप दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मैसेंजर एप है जिससे हर दिन में लगभग लाखों करोड़ों मैसेज एक दूसरे को forward किए जाते हैं।  व्हाट्सएप को 2009 में रिलीज किया गया था । लेकिन इससे 2009 में बनाया ग...