Programming languages ke prakar
आज हम जानेंगे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार के बारे में उनके कितने प्रकार के होते हैं और यह किस तरह से कार्य करते हैं आज हम उस टॉपिक पर थोड़ा बात करेंगे। बहुत सारे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होते हैं लेकिन उन्हें मुख्यतः 2 भागों में बांटा जा सकता है। कुछ लैंग्वेज को हम समझते हैं और कुछ को केवल कंप्यूटर ही समझता है। जिन लैंग्वेज को केवल कंप्यूटर समझता है उसे लो लेवल लैंग्वेज कर सकते हैं तथा जिन लैंग्वेज को हम समझते हैं उसे हाई लेवल लैंग्वेज कह सकते हैं।
तो चलिए दोस्तों आज की इस पोस्ट में जानेंगे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार को।जैसा कि पहले बता चुका हूं प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को दो मुख्य भागों में बांट सकते हैं लो लेवल लैंग्वेज और हाई लेवल लैंग्वेज।
1.लो लेवल लैंग्वेज
वे लैंग्वेज जो अपने कोड को मशीन कोड में बदलने के लिए किसी भी प्रकार का ट्रांसलेटर का उपयोग नहीं करता उसे लो लेवल लैंग्वेज कहते हैं। यानी कि निम्न स्तरीय भाषा (लो लेवल लैंग्वेज) के कोड को किसी भी तरह से ट्रांसलेट करने की आवश्यकता नहीं होती है। लो लेवल लैंग्वेज का उदाहरण हो सकते हैं असेंबली भाषा और मशीनी भाषा। लेकिन इन लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखना बहुत ही कठिन होता है ,हाई लेवल लैंग्वेज से भी कठिन होता है। अगर हमें इस लैंग्वेज में एक प्रोग्राम लिखना है तो कंप्यूटर के हार्डवेयर का स्ट्रक्चर का अच्छी खासी जानकारी नॉलेज होना चाहिए।ईस लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखना बहुत ही कठिन होता है ,और इनमें एक प्रोग्राम बनाने में बहुत समय लगता है और इनमें एरर्स की संभावना बहुत अधिक होती है। हर स्टेज या प्लेटफार्म के लिए हमें प्रोग्राम लिखना पड़ता है Since लो लेवल लैंग्वेज, कंप्यूटर के हार्डवेयर से सीधा कनेक्ट होता है।इसलिए लो लेवल लैंग्वेज का एग्जीक्यूशन हाई लेवल लैंग्वेज से तेज होता है। दोस्तों अब हम जानेंगे लो लेवल लैंग्वेज के प्रकार के बारे में।
- मशीन लैंग्वेज
हमारे जो कंप्यूटर सिस्टम होते हैं वह सिर्फ डिजिटल सिग्नल को समझता है जो कि बायनरी 1 या 0 होता है यानी कि कंप्यूटर को Instructions देने के लिए सिर्फ बायनरी कोड के रूप में ही दिया जा सकता है।बायनरी कोड में दिए गए Instructions को मशीनी भाषा कहते हैं। मशीनी लेवल लैंग्वेज मशीनों के लिए आसान होता है लेकिन जो प्रोग्रामर होता है उनके लिए मशीनी लेवल लैंग्वेज कठिन होता है। मशीन लैंग्वेज प्रोग्राम से भी बहुत कठिन होता है। बायनरी Instructions से प्रोग्राम लिखना errors को दावत देने समान होता है। मशीन लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम पोर्टेबल नहीं होते हैं। प्रत्येक कंप्यूटर सिस्टम का अपना अपना अलग मशीन कोड सेट होता है, इसलिए जो प्रोग्राम एक मशीन पर लिखा होता है वहीं दूसरे मशीन पर काम नहीं करता है या नहीं चलता है।
- असेम्बली लैंग्वेज
एसेंबली लैंग्वेज में इंस्ट्रक्शन अंग्रेजी के वर्ष के रूप में दिए जाते हैं जैसे कि NOV,ADD,SUB आदि इन कोड्स को "mnemonic codes" कहते हैं। असेंबली लैंग्वेज (assembly language) , मशीन लैंग्वेज(machine language) से सरल होता है, लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो सिर्फ बायनरी कोड को ही समझता है इसलिए वह प्रोग्राम जो असेंबली लैंग्वेज(assembly language) में लिखा होता है उसे मशीन लेवल लैंग्वेज(machine language) में ट्रांसलेट करना होता है। और वह ट्रांसलेटर जो असेंबली लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज(machine language) में ट्रांसलेट करता है उसे असेंबलर कहते हैं।
इस प्रोग्राम को कंप्यूटर रजिस्टर में स्टोर किया जाता है। और प्रत्येक कंप्यूटर की अपनी अलग रजिस्टर होते हैं इसलिए असेंबली लैंग्वेज में लिखा गया प्रोग्राम Convenient नहीं होता है । इसलिए हमें दूसरे कंप्यूटर सिस्टम के लिए हमें फिर से ट्रांसलेट करना पड़ता है।
2.हाई लेवल लैंग्वेज
अब जानते हैं दोस्तों हाई लेवल लैंग्वेज के बारे में जो आज के जमाने में बहुत ही प्रचलित हैं और इनका महत्व भी बहुत अधिक है जितने भी programmers and hackers होते हैं वह सिर्फ हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग करते हैं।
हाई लेवल लैंग्वेज को फर्टिलिटी की फीचर को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यानी कि यह मशीन भाषा पर Dependent नहीं होता है। और यह लैंग्वेज अंग्रेजी की लैंग्वेज कोड जैसी होती है इसलिए इससे कोड करना या इस लेवल लैंग्वेज से प्रोग्राम लिखना बहुत ही सरल होता है। सरल का यह मतलब नहीं कि आप आसानी से सीख जाओगे इसमें भी आपको मेहनत करना पड़ेगा कभी आप सीख पाओगे।इसके लिए एक लैंग्वेज ट्रांसलेटर की आवश्यकता होती है हाई लेवल लैंग्वेज प्रोग्राम को मशीन कोड में ट्रांसलेट करने वाले ट्रांसलेटर को कंपाइलर या इंटरप्रेटर कहते हैं। FORTRAN,Basic,COBOL,PASCAL, C ,C++,Java ETC ...... हाई लेवल लैंग्वेज के उदाहरण हैं।
तो आशा करता हूं दोस्तों आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें ताकि आपके दोस्त भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इसके बारे में थोड़ा जानकारी प्राप्त कर सकें और कुछ अपने लिए उपयोगी काम कर सकें। और हमारे इस ब्लॉग चैनल को सब्सक्राइब कर ले ताकि जब भी मैं कोई टेक्नोलॉजी से जुड़ी बातें अपलोड करूं तो आपको नोटिफिकेशन मिल जाएगा।
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