कंप्यूटर का इतिहास और कंप्यूटर वर्गीकरण
दोस्तों अगर आप इस मॉडर्न युग में हैं तो आपने कभी ना कभी कंप्यूटर का जिक्र सुना होगा और कभी ना कभी इसका उपयोग किया भी होगा। तो मेरे दोस्त आज हम जानेंगे कंप्यूटर का पूरा जानकारी इसका वर्गीकरण और इसका क्या क्या कार्य हो सकते हैं हमारे लाइफ में । कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसके जरिए हम घंटों का काम मिनटों में निपटा सकते हैं और इससे आजकल विश्व के लगभग 90% काम किए जाते हैं अगर कंप्यूटर नहीं है तो हम लाइफ का कल्पना भी नहीं कर सकते। मेरा आपसे एक सवाल है अगर आज के जमाने में कंप्यूटर नहीं होता तो क्या हम इतनी आसानी से अपनी लाइफ जी पाते कमेंट बॉक्स में जरूर बताना।
कंप्यूटर एक ऑटोमैटिक इलेक्ट्रॉनिक मशीने जो डाटा और निर्देशों को इनपुट के रूप में लेता है और उससे जो परिणाम निकलता है उसे आउटपुट के रूप में हमें प्रदान करता है। कम्प्यूटर डाटा को बहुत ही तेज़ी से प्रोसेस करता है स्टोर करता है और हमें हाटफूट के रूप में डिस्प्ले में दर्शाता है। कंप्यूटर को हिंदी में संगणक कहते हैं।
विश्व का पहला कंप्यूटर 19वीं शताब्दी में चार्ल्स बैबेज ने बनाया था इस कारण से उन्हें फादर ऑफ कंप्यूटर कहते हैं। और हमारे भारत में जो पहला कंप्यूटर बना था वह सिद्धार्थ के नाम से था। मॉर्डन युग में कंप्यूटर का फादर एलेन ट्युरिंग को कहा जाता है। विश्व का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर 1946 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका था जिसका नाम दिया गया था ENIAC ( ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRATOR AND COMPUTER) ।
चलो दोस्तों अब हम जानते हैं कंप्यूटर का वर्गीकरण के बारे में।
कंप्यूटर का वर्गीकरण
कंप्यूटर को मुख्यतः दो भागों में बांट सकते हैं पहला साइज के हिसाब से और दूसरा उसके कार्य करने की क्षमता से यानी कि उसके वर्किंग स्किल से।
Computer classification based on working skill
- Analog computer
- Digital computer
- Hybrid computer
Analog computer
इस प्रकार के कंप्यूटर कि हेल्प से भौतिक मात्राओं जैसे दाब तापमान लंबाई ईटीसी को मापकर उनके रिजल्ट को अंको यानी कि डिजिट में प्रस्तुत करने के लिए एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए मरकरी स्पीडो मीटर आदि।
अंको को कैलकुलेट करने के लिए डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है डिजिटल कंप्यूटर इनपुट में दिए गए डेटा को 0 और 1 यानी की बायनरी नंबर में चेंज कर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्शाता है । उदाहरण के लिए डेस्कटॉप केलकुलेटर इत्यादि।
यह कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर का कोंबो होता है। यानी कि इससे आप एनालॉग कंप्यूटर जैसे भौतिक मात्राओं को कैलकुलेट कर सकते हो और डिजिटल कंप्यूटर के जैसे डिजिट्स का कैलकुलेट कर सकते हो। इसका मतलब है कि आप एक बार हाइब्रिड कंप्यूटर खरीद लिए उसके बाद आपको डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर लेने की कोई आवश्यकता ही नहीं रहेगा और इससे आपका पैसा भी बस जाएगा।
Digital computer
अंको को कैलकुलेट करने के लिए डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है डिजिटल कंप्यूटर इनपुट में दिए गए डेटा को 0 और 1 यानी की बायनरी नंबर में चेंज कर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्शाता है । उदाहरण के लिए डेस्कटॉप केलकुलेटर इत्यादि।
Hybrid computer
यह कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर का कोंबो होता है। यानी कि इससे आप एनालॉग कंप्यूटर जैसे भौतिक मात्राओं को कैलकुलेट कर सकते हो और डिजिटल कंप्यूटर के जैसे डिजिट्स का कैलकुलेट कर सकते हो। इसका मतलब है कि आप एक बार हाइब्रिड कंप्यूटर खरीद लिए उसके बाद आपको डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर लेने की कोई आवश्यकता ही नहीं रहेगा और इससे आपका पैसा भी बस जाएगा।
Computer classification based on size
- Micro computer
- Mini computer
- Mainframe computer
- Super computer
Micro computer
इस कंप्यूटर का आकार इतना छोटा होता है कि इसे आसानी से आप किसी भी डेस्क में किसी भी कोने में रख सकते हो। इन कंप्यूटर का आकार छोटा होने के कारण इन्हें माइक्रो कंप्यूटर कहा जाता है। और इन्हे कंप्यूटर on a chip भी कहा जाता है। उदाहरण के लिए आईपैड आइपॉड tablet computer।
Mini computer
इस कंप्यूटर का आकार माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में कुछ बड़ा होता है।और इस कंप्यूटर का वर्किंग स्पीड और प्राइस माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक होता है। इस कंप्यूटर का एक खूबी है जिसके हेल्प से एक समय में एक या एक से अधिक लोग काम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए HP 9000, IBM-7 etc..
Mainframe computer
इस कंप्यूटर का आकार बहुत ही बड़ा होता है। आकार के जैसे वर्किंग स्पीड और प्राइस भी माइक्रो कंप्यूटर और मिनी कंप्यूटर की तुलना में अधिक होता है। उदाहरण के लिए IBM-370 , UNIVAC- 1110 etc ..
Super computer
कंप्यूटर में यह सबसे डेवलप्ड कंप्यूटर है। इस कंप्यूटर का स्पीड बहुत तेज होता है और इनकी स्टोरेज कैपेसिटी बहुत अधिक होती है। और यह किसी भी चीज को आसानी से एक्सप्लेन कर सकता है। विश्व का सबसे पहला सुपर कंप्यूटर क्रे रिसर्च कंपनी द्वारा 1976 में बनाया गया था जिसका नाम क्रे-1 था।
हमारे देश के भी एक सुपर कंप्यूटर है जिसका नाम परम है इस कंप्यूटर को C-DAC नामक कंपनी ने बनाया था। सुपर कंप्यूटर का उपयोग मौसम कि जानकारी लेने एनिमेशन और हाई क्वालिटी वीडियो बनाने में स्पेस में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने इत्यादि भारी बरकम काम करने के लिए सुपर कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
तो आशा करता हूं दोस्तों आपको कंप्यूटर के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । अगर कंप्यूटर से जुड़े कुछ प्रॉब्लम है या फिर कुछ दिक्कत हो तो कमेंट बॉक्स में जरुर पहुंचे हम उसे सुलझाने का कोशिश जरूर करेंगे धन्यवाद और इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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